अलफ़ाज़ कुछ ऐसे आज मैंने लिख डाले की अहसास से ये है भरे क्या करे इंसान जो अहसासमुक्त हुआ की दोस्ती हम अल्फ़ाज़ मे ढूंढने चले..... अनु...